देहरादून। सुभारती नेटवर्क के खिलाफ प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई में सुभारती ट्रस्ट, सुभारती मेडिकल कॉलेज और गौतम बुद्ध चिकित्सा महाविद्यालय पर ₹87.50 करोड़ का कुर्की वारंट जारी किया गया है, जिसे 15 दिसंबर 2025 तक जमा कराने का आदेश दिया गया है। यदि यह राशि समय पर जमा नहीं होती है, तो संचालकों के खिलाफ गिरफ्तारी से लेकर संपत्ति की कुर्की तक की कार्रवाई की जाएगी।

सरकार के निर्देश के बाद जिलाधिकारी सवीन बंसल की अगुवाई में यह आदेश तत्काल प्रभाव से जारी किया गया। बताया जा रहा है कि पिछले दिनों उच्च-स्तरीय आदेश पर सभी ज़िलाधिकारियों को बड़े बकाएदारों से वसूली तेज करने के निर्देश दिए गये थे, जिसके तहत सुभारती के खिलाफ यह कड़ी कार्रवाई की गयी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सुभारती ट्रस्ट पर गंभीर धोखाधड़ी और शैक्षणिक अनियमितताओं के आरोप हैं। रिपोर्टों में यह भी दावा किया गया है कि Supreme Court ने पहले भी संबंधित कॉलेज को बंद करने तथा छात्रों को राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में स्थानांतरित करने के आदेश दिये थे, जिससे राज्य पर भारी आर्थिक भार पड़ा था। ट्रस्ट द्वारा पुराने प्रतिबंधों का पालन न करने, जमील भूमि और फीस वसूलने को लेकर भी विवाद खड़े हो चुके हैं।
सरकारी अधिकारियों के अनुसार यह कार्रवाई न केवल आर्थिक पुनर्वसूली के लिए है, बल्कि संस्थान के भीतर पाई जा रही अनियमितताओं तथा जनता में व्याप्त असंतोष को भी ध्यान में रखकर की गयी है। अब देखना यह है कि सुभारती प्रबंधन आदेश के अनुरूप राशि जमा कर पाता है या सरकार और जांच एजेंसियों के साथ कानूनी मोर्चे पर टकराव बढ़ता है।
