प्रदेश के सभी प्रतिष्ठानों का होगा फायर सेफ्टी ऑडिट, दून-मसूरी पर रहेगा फोकस

देहरादून। एक सप्ताह के भीतर उत्तराखंड के सभी प्रतिष्ठानों का फायर सेफ्टी ऑडिट किया जाएगा। डीजीपी दीपम सेठ ने गोवा अग्निकांड के मद्देनजर सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया है। इसके लिए आगामी क्रिसमस और नए साल के जश्न को ध्यान में रखते हुए सभी जिलाधिकारियों से समन्वय स्थापित करने के लिए भी कहा है।

पुलिस के मुखिया ने शीतकालीन चारधाम यात्रा मार्ग पर सुरक्षा और संचालन को सशक्त बनाने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए हैं। डीजीपी बृहस्पतिवार को पुलिस मुख्यालय में एक उच्चस्तरीय बैठक ले रहे थे। उन्होंने कहा कि गोवा में पिछले दिनों एक पब में अग्निकांड हुआ था जिसमें कई लोग मारे गए थे। राज्य में देहरादून, नैनीताल, मसूरी आदि जगहों पर क्रिसमस और नए साल के जश्न के लिए भीड़ रहती है। पूरे प्रदेश में कैफे, पब, बार, रेस्टोरेंट, होटल, बैंक्वेट हॉल, इवेंट वेन्यू, मॉल आदि समेत ऐसे सभी प्रतिष्ठानों का फायर सेफ्टी ऑडिट किया जाए जहां पर लोगों की भीड़ रहती है।

इस दौरान अग्नि सुरक्षा के लिए उपलब्ध सभी उपकरणों की उपलब्धता, कार्यक्षमता और पर्याप्तता की गहन जांच की जाए। सार्वजनिक और वाणिज्यिक क्षेत्रों में स्थापित सभी फायर हाईड्रेंट को पूरी तरह से क्रियाशील रखने के निर्देश भी डीजीपी ने दिए। इसके साथ ही जहां पर कर्मचारियों के पास फायर सेफ्टी उपकरणों को चलाने का प्रशिक्षण नहीं है उन्हें तत्काल प्रशिक्षण दिया जाए। प्रतिष्ठानों में आपातकाल के समय बाहर निकलने के रास्ते पर कोई अवरोध तो नहीं इस बात की जांच भी की जाए। मानकों का उल्लंघन पाए जाने पर कठोर कार्रवाई भी प्रतिष्ठान संचालकों के खिलाफ की जाए।

ये भी दिए निर्देश

– शीतकालीन चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की सुरक्षा, भीड़ प्रबंधन, आपातकालीन प्रतिक्रिया व्यवस्था और यातायात नियंत्रण के लिए जिलों को व्यापक निर्देश दिए।

– गंभीर अपराधों में फरार चल रहे अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए एक प्रभावी अभियान चलाया जाए।

– एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत वाणिज्यिक मात्रा वाले लंबित मुकदमों का निस्तारण तय समय में किया जाए।

– पेशेवर अपराधियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट और एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई कर अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों को कुर्क करने का अभियान चलाया जाए।

– पुलिस कर्मियों की पदोन्नति में तेजी लाई जाए।