उत्तराखण्ड की बड़ी आबादी आज भी सुविधाओं के अभाव में जीवन यापन करने को विवश है : भावना पांडे

देहरादून। उत्तराखण्ड के कईं इलाकों में आज भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। राज्य की बड़ी आबादी आज भी सुविधाओं के अभाव में जीवन यापन करने को विवश है। ये कहना है। उत्तराखण्ड की बेटी, राज्य आंदोलनकारी एवं प्रसिद्ध समाजसेवी भावना पांडे का। उन्होंने प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी के राज में प्रदेश की आम जनता की दुर्गति हो रही है, जनता आज बुरी तरह से त्रस्त है।

भावना पांडे ने उत्तराखण्ड की बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, धामी सरकार कहती है कि प्रदेश के ज्यादातर गाँव सड़कों से जुड़ चुके हैं लेकिन वास्तविकता कुछ और ही नज़र आ रही है। पहाड़ों के दुर्गम क्षेत्रों में आज भी सुविधाओं का बड़ा अभाव है। जनता अधूरी, टूटी और असुरक्षित सड़कों पर चलने को ही विवश हैं। मानसून के मौसम में अधिकांश रास्ते बह जाते हैं, मजबूरन ग्रामीण पुरानी पगडंडियों के सहारे ही आना-जाना करते हैं।

भावना पांडे ने पहाड़ की जनता का दर्द बयां करते हुए कहा कि अधिकांश पर्वतीय क्षेत्रों में आज भी दर्द से करहा रहे मरीजों को डोली में उठाकर कईं किलोमीटरों दूर पैदल चलकर उपचार के लिए ले जाना पड़ता है। गर्भवती महिलाएँ, बुजुर्ग और आपातकालीन मामलों में यह देरी जान जोखिम में डाल देती है। वाकई ये स्थिति बेहद भयानक व चिंतित करने वाली है किंतु बीजेपी सरकार को आम जनता की तकलीफों से कोई फर्क नहीं पड़ता। सरकार बस विकास के नाम झूठे वायदे करने और अपनी खोखली उपलब्धियां गिनवाने में ही व्यस्त है।

भावना पांडे ने सरकारी दावों की पोल खोलते हुए कहा कि प्रदेश के कई गाँवों में सड़क का नाम तक नहीं है। जनता आज भी सरकारी वादे के भरोसे सड़क बनने का इंतज़ार करती नज़र आती है। प्रदेश के अधिकांश जिलों में कई गाँव ऐसे हैं जहाँ आज भी सड़क सिर्फ़ कागज़ों में ही सीमित है। यहां सरकारी रिपोर्टों में सड़कों की कनेक्टिविटी पूरी दिखती है, लेकिन हकीकत इससे काफी परे है। ग्रामीण अब भी हर रोज़ संघर्ष की राह पर चलने को लाचार हैं।

भावना पांडे ने कहा, प्रदेशवासियों को सड़क, शिक्षा, रोजगार, बिजली, पानी और स्वास्थ्य सुविधाओं समेत तमाम मूलभूत व्यवस्थाएं उपलब्ध करवाने के झूठे वादे करने वाली भाजपा सरकार को जनता कभी माफ नहीं करेगी। उन्होंने कहा, भाजपा के नेता आखिर किस मुँह से जनता का सामना करेंगें और कैसे लोगों से नज़रें मिलायेंगे। 2027 के विधानसभा चुनाव में पीड़ित जनता बीजेपी से एक-एक वादे का हिसाब मांगेगी और उसके जुल्मों का जवाब देगी।